यह 12 अक्तूबर, 2005 को लागू हुआ (15 जून, 2005 को इसके कानून बनने के 120 वें दिन)। इसके कुछ प्रावधान तुरन्त प्रभाव के साथ लागू किए गए यानि लोक प्राधिकारियों की बाध्यता [एस. 4(1)], लोक सूचना अधिकारियों और सहायक लोक सूचना अधिकारियों का पदनाम [एस. 5(1)], केन्द्रीय सूचना आयोग का गठन, (एस. 12 व 13), राज्य सूचना आयोग का गठन (एस. 15 व 16), अन्वेषण/जाँच एजेंसी और सुरक्षा संगठनों पर अधिनियम का लागू न होना (एस. 24) और इस अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के लिए कानून बनाने का अधिकार।


सूचना का मतलब है- रिकार्ड, दस्तावेज़, ज्ञापन, ई-मेल, विचार, सलाह, प्रेस विज्ञप्तियाँ, परिपत्र, आदेश, लॉग पुस्तिकाएँ, ठेके, टिप्पणियाँ, पत्र, उदाहरण, नमूने, डाटा सामग्री सहित कोई भी सामग्री, जो किसी भी रूप में उपलब्ध हों। साथ ही, वह सूचना जो किसी भी निजी निकाय से संबंधित हो, किसी लोक प्राधिकारी के द्वारा उस समय प्रचलित किसी अन्य कानून के अंतर्गत प्राप्त किया जा सकता है, बशर्तें कि उसमें फाईल नोटिंग शामिल नहीं हो।


इसके अंतर्गत निम्न चीजें आती है-

कार्यों, दस्तावेज़ों, रिकार्डों का निरीक्षण,

दस्तावेज़ों या रिकार्डों की प्रस्तावना/सारांश, नोट्स व प्रमाणित प्रतियाँ प्राप्त करना,

सामग्री का प्रमाणित नमूने लेना,

रिंट आउट, डिस्क, फ्लॉपी, टेपों, वीडियो कैसेटों के रूप में या कोई अन्य ईलेक्ट्रॉनिक रूप में जानकारी प्राप्त करना


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