Rti की जानकारी
1. इस कानून के लागू होने के 120 दिन के भीतर निम्न सूचना प्रकाशित कराना अनिवार्य होगा-
2. अपने संगठनों, क्रियाकलापों और कर्त्तव्यों के विवरण।
3. अधिकारियों और कर्मचारियों के अधिकार और कर्त्तव्य।
4. अपने निर्णय लेने की प्रक्रिया में अपनाई गई विधि, पर्यवेक्षण और ज़िम्मेदारी की प्रक्रिया सहित।
5. अपने क्रियाकलापों का निर्वाह करने के लिए इनके द्वारा निर्धारित मापदण्ड।
6. अपने क्रियाकलापों का निर्वाह करने के लिए इनके कर्मचारियों द्वारा उपयोग किए गए नियम, विनियम, अनुदेश, मापदण्ड और रिकार्ड।
7. इनके द्वारा धारित या इनके नियंत्रण के अंतर्गत दस्तावेज़ों की कोटियों का विवरण।
8. इनके द्वारा गठित दो या अधिक व्यक्तियों से युक्त बोर्ड, परिषद्, समिति और अन्य निकायों के विवरण। इसके अतिरिक्त, ऐसे निकायों में होने वाली बैठक की ज़ानकारी आम जनता की पहुँच में है या नहीं।
9. इसके अधिकारियों और कर्मचारियों की निर्देशिका।
10. इसके प्रत्येक अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा प्राप्त की जाने वाली मासिक वेतन, इसके विनियमों के अंतर्गत दी जाने वाली मुआवज़े की पद्धति सहित।
11. इसके द्वारा संपादित सभी योजनाएँ, प्रस्तावित व्यय और प्रतिवेदन सहित सभी का उल्लेख करते हुए प्रत्येक अभिकरण को आवंटित बज़ट विवरण।
12. सब्सिडी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की विधि, आवंटित राशि और ऐसे कार्यक्रमों के विवरण और लाभान्वितों की संख्या को मिलाकर।
13. इसके द्वारा दी जाने वाली रियायत, अनुमतियों या प्राधिकारियों को प्राप्त करने वालों का विवरण।
14. इनके पास उपलब्ध या इनके द्वारा धारित सूचनाओं का विवरण, जिसे इलेक्ट्रॉनिक रूप में छोटा रूप दिया गया हो।
15. सूचना प्राप्त करने के लिए नागरिकों के पास उपलब्ध सुविधाओं का विवरण, जनता के उपयोग के लिए पुस्तकालय या पठन कक्ष की कार्यावधि का विवरण, जिसकी व्यवस्था आम जनता के लिए की गई हो।
16. जन सूचना अधिकारियों के नाम, पदनाम और अन्य विवरण
इसका अर्थ है कोई भी स्थापित या गठित प्राधिकारी या निकाय या स्वशासी संस्थान जिसका गठन निम्न रीति से हुआ है -
संविधान द्वारा या उसके अंतर्गत
संसद द्वारा बनाए गए किसी कानून द्वारा
राज्य विधानमंडल द्वारा बनाए गए किसी अन्य कानून के द्वारा
उपयुक्त शासन द्वारा जारी अधिसूचना या आदेश द्वारा जिसमें निम्न दो बातें शामिल हों-
वह सरकार द्वारा धारित, नियंत्रित या वित्त पोषित हो।
उक्त सरकार से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से धन प्राप्त किया हो।
किसी भी जानकारी व जुड़ने के लिये लिंक को लाइक करें।
https://shivrajswaraj.blogspot.in/2018/03/www.html
2. अपने संगठनों, क्रियाकलापों और कर्त्तव्यों के विवरण।
3. अधिकारियों और कर्मचारियों के अधिकार और कर्त्तव्य।
4. अपने निर्णय लेने की प्रक्रिया में अपनाई गई विधि, पर्यवेक्षण और ज़िम्मेदारी की प्रक्रिया सहित।
5. अपने क्रियाकलापों का निर्वाह करने के लिए इनके द्वारा निर्धारित मापदण्ड।
6. अपने क्रियाकलापों का निर्वाह करने के लिए इनके कर्मचारियों द्वारा उपयोग किए गए नियम, विनियम, अनुदेश, मापदण्ड और रिकार्ड।
7. इनके द्वारा धारित या इनके नियंत्रण के अंतर्गत दस्तावेज़ों की कोटियों का विवरण।
8. इनके द्वारा गठित दो या अधिक व्यक्तियों से युक्त बोर्ड, परिषद्, समिति और अन्य निकायों के विवरण। इसके अतिरिक्त, ऐसे निकायों में होने वाली बैठक की ज़ानकारी आम जनता की पहुँच में है या नहीं।
9. इसके अधिकारियों और कर्मचारियों की निर्देशिका।
10. इसके प्रत्येक अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा प्राप्त की जाने वाली मासिक वेतन, इसके विनियमों के अंतर्गत दी जाने वाली मुआवज़े की पद्धति सहित।
11. इसके द्वारा संपादित सभी योजनाएँ, प्रस्तावित व्यय और प्रतिवेदन सहित सभी का उल्लेख करते हुए प्रत्येक अभिकरण को आवंटित बज़ट विवरण।
12. सब्सिडी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की विधि, आवंटित राशि और ऐसे कार्यक्रमों के विवरण और लाभान्वितों की संख्या को मिलाकर।
13. इसके द्वारा दी जाने वाली रियायत, अनुमतियों या प्राधिकारियों को प्राप्त करने वालों का विवरण।
14. इनके पास उपलब्ध या इनके द्वारा धारित सूचनाओं का विवरण, जिसे इलेक्ट्रॉनिक रूप में छोटा रूप दिया गया हो।
15. सूचना प्राप्त करने के लिए नागरिकों के पास उपलब्ध सुविधाओं का विवरण, जनता के उपयोग के लिए पुस्तकालय या पठन कक्ष की कार्यावधि का विवरण, जिसकी व्यवस्था आम जनता के लिए की गई हो।
16. जन सूचना अधिकारियों के नाम, पदनाम और अन्य विवरण
इसका अर्थ है कोई भी स्थापित या गठित प्राधिकारी या निकाय या स्वशासी संस्थान जिसका गठन निम्न रीति से हुआ है -
संविधान द्वारा या उसके अंतर्गत
संसद द्वारा बनाए गए किसी कानून द्वारा
राज्य विधानमंडल द्वारा बनाए गए किसी अन्य कानून के द्वारा
उपयुक्त शासन द्वारा जारी अधिसूचना या आदेश द्वारा जिसमें निम्न दो बातें शामिल हों-
वह सरकार द्वारा धारित, नियंत्रित या वित्त पोषित हो।
उक्त सरकार से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से धन प्राप्त किया हो।
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