Rti के बारे में जानकारी
1. बताने के लिए क्या नहीं है ?
निम्नलिखित सूचनाओं को आम जनता को उपलब्ध कराने की मनाही है
1. ऐसी सूचना प्रदर्शन जिससे भारत की स्वतंत्रता और अखण्डता, राज्य की सुरक्षा, कार्य योज़ना, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों, विदेशों से संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ते हों या अपराध के लिए उत्तेजित करता हों।
2. सूचना जिसे किसी भी न्यायालय या खण्डपीठ द्वारा प्रकाशित किए जाने से रोका गया है या जिसके प्रदर्शन से न्यायालय का उल्लंघन हो सकता है।
3. सूचना, जिसके प्रदर्शन से संसद या राज्य विधानसभा के विशेषाधिकार प्रभावित होती हों
4. वाणिज़्यिक गोपनीयता, व्यापार गोपनीयता या बौद्धिक संपदा से संबंधित सूचना, जिसके प्रकाशन से तीसरी पक्ष की प्रतिस्पर्द्धात्मक स्तर को क्षति पहुँचने की संभावना हों, जब तक कि सक्षम प्राधिकरी इस बात से संतुष्ट नहीं हो जाता कि ऐसी सूचना का प्रकाशन जनहित में है
5. व्यक्ति को उनके न्यासी संबंध में उपलब्ध जानकारी, जब तक कि सक्षम प्राधिकरी संतुष्ट नहीं हो जाते कि ऐसी सूचना का प्रदर्शन जनहित में हैं
6. ऐसी सूचना जो विदेशी सरकार से विश्वास में प्राप्त की गई हो
7. सूचना, जिसके प्रदर्शन से किसी व्यक्ति की ज़िन्दगी या शारीरिक सुरक्षा को खतरा है या कानून के कार्यान्वयन या सुरक्षा उद्देश्यों के लिए विश्वास में दी गई सूचना या सहायता
8. सूचना जिससे अपराधी की जाँच करने या उसे हिरासत में लेने या उस पर मुकदमा चलाने में बाधा उत्पन्न हो सकती हो
9. मंत्रिपरिषद्, सचिवों और अन्य अधिकारियों के विचार-विमर्श से संबंधित मंत्रिमंडल के दस्तावेज़
10. ऐसी सूचना जो किसी व्यक्ति के निजी जिंदगी से संबंधित है उसका संबंध किसी नागरिक हित से नहीं हो और उसके प्रकाशन से किसी व्यक्ति के निजी जिंदगी की गोपनीयता भंग होती हों
11. उपरोक्त बातों से परे सूचना को लोक सूचना अधिकारी सुलभ कराने की इज़ाजत दे सकते है।
2. क्या आँशिक प्रदर्शन की अनुमति है ?
रिकार्ड का केवल वही भाग जो ऐसी कोई सूचना धारण नहीं करता हो जिसके प्रदर्शन पर रोक नहीं हों, तो लोक सूचना अधिकारी वैसी सूचना के प्रदर्शन की इज़ाजत दे सकता है। (एस-10)
3. इससे किसे बाहर रखा गया है ?
दूसरी अनुसूची में विनिर्दिष्ट केन्द्रीय सतर्कता और सुरक्षा एजेंसी जैसे आईबी, रॉ (रीसर्च एंड एनालिसिस विंग), राज़स्व सतर्कता निदेशालय, केन्द्रीय आर्थिक सतर्कता ब्यूरो, कार्यान्वयन निदेशालय, नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो, उड्डयन अनुसंधान केन्द्र, विशेष सीमा बल, सीमा सुरक्षा बल, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, असम राइफल्स, विशेष सेवा ब्यूरो, विशेष शाखा (सीआईडी), अंडमाम एवं निकोबार अपराध शाखा- सीआईडी- सीबी, दादरा और नगर हवेली तथा विशेष शाखा, लक्षद्वीप पुलिस। राज्य सरकारों द्वारा अधिसूचना के माध्यम से विनिर्दिष्ट एजेंसियों को भी छोड़ दिया गया है।
इस अधिनियम से इन संगठनों को छूट दे दिये जाने के बावज़ूद इन संगठनों को घूस और मानवाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित आरोपों से के बारे में सूचना प्रदान करने की बाध्यता होगी। इसके अतिरिक्त, मानव अधिकार के उल्लंघन के आरोप से संबंधित सूचना केन्द्र या राज्य सूचना आयोग के अनुमोदन के बाद दिया जा सकता है।
जय हिंद।हमारे द्वारा कुछ वेबसाइटें हैं जो शायद आपके मतलब की हो सकती है जैसे क्राइम फ्री इण्डिया फोर्स से जुड़ने के लिये वेबसाइड है।
www.crimefreeindiaforce.com और पत्रकार बनने के लिये AMB Live न्यूज एजेंसी से जुड़ने के लिये वेबसाइट है। www.amblive.com और पत्रकारों के लिये www.rastriyapatrkarparishad.com और जिनको स्वरोजगार की जरूरत है उनके लिये www.espkindia.in और जिनको जीवन साथी की है तलाश यानि वर वधू ढूढ़ने के लिये www.rishtonkaghar.in और जो अकेले हैं यानि भारत की फेसबुक की तरह www.chatsetdate.com और अपने व्यवसाय की फ्री वेबसाइट के लिये www.landyn.in और मेरे ब्लॉग पर ज्यादा जानकारी के लिये लॉगिन करें www.shivrajswaraj.blogspot.in और सुबह 10 से शाम 5 बजे तक सिर्फ फोन करके ही बात करें।फोन नम्बर और व्हाट्सअप 0800-6681155
निम्नलिखित सूचनाओं को आम जनता को उपलब्ध कराने की मनाही है
1. ऐसी सूचना प्रदर्शन जिससे भारत की स्वतंत्रता और अखण्डता, राज्य की सुरक्षा, कार्य योज़ना, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों, विदेशों से संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ते हों या अपराध के लिए उत्तेजित करता हों।
2. सूचना जिसे किसी भी न्यायालय या खण्डपीठ द्वारा प्रकाशित किए जाने से रोका गया है या जिसके प्रदर्शन से न्यायालय का उल्लंघन हो सकता है।
3. सूचना, जिसके प्रदर्शन से संसद या राज्य विधानसभा के विशेषाधिकार प्रभावित होती हों
4. वाणिज़्यिक गोपनीयता, व्यापार गोपनीयता या बौद्धिक संपदा से संबंधित सूचना, जिसके प्रकाशन से तीसरी पक्ष की प्रतिस्पर्द्धात्मक स्तर को क्षति पहुँचने की संभावना हों, जब तक कि सक्षम प्राधिकरी इस बात से संतुष्ट नहीं हो जाता कि ऐसी सूचना का प्रकाशन जनहित में है
5. व्यक्ति को उनके न्यासी संबंध में उपलब्ध जानकारी, जब तक कि सक्षम प्राधिकरी संतुष्ट नहीं हो जाते कि ऐसी सूचना का प्रदर्शन जनहित में हैं
6. ऐसी सूचना जो विदेशी सरकार से विश्वास में प्राप्त की गई हो
7. सूचना, जिसके प्रदर्शन से किसी व्यक्ति की ज़िन्दगी या शारीरिक सुरक्षा को खतरा है या कानून के कार्यान्वयन या सुरक्षा उद्देश्यों के लिए विश्वास में दी गई सूचना या सहायता
8. सूचना जिससे अपराधी की जाँच करने या उसे हिरासत में लेने या उस पर मुकदमा चलाने में बाधा उत्पन्न हो सकती हो
9. मंत्रिपरिषद्, सचिवों और अन्य अधिकारियों के विचार-विमर्श से संबंधित मंत्रिमंडल के दस्तावेज़
10. ऐसी सूचना जो किसी व्यक्ति के निजी जिंदगी से संबंधित है उसका संबंध किसी नागरिक हित से नहीं हो और उसके प्रकाशन से किसी व्यक्ति के निजी जिंदगी की गोपनीयता भंग होती हों
11. उपरोक्त बातों से परे सूचना को लोक सूचना अधिकारी सुलभ कराने की इज़ाजत दे सकते है।
2. क्या आँशिक प्रदर्शन की अनुमति है ?
रिकार्ड का केवल वही भाग जो ऐसी कोई सूचना धारण नहीं करता हो जिसके प्रदर्शन पर रोक नहीं हों, तो लोक सूचना अधिकारी वैसी सूचना के प्रदर्शन की इज़ाजत दे सकता है। (एस-10)
3. इससे किसे बाहर रखा गया है ?
दूसरी अनुसूची में विनिर्दिष्ट केन्द्रीय सतर्कता और सुरक्षा एजेंसी जैसे आईबी, रॉ (रीसर्च एंड एनालिसिस विंग), राज़स्व सतर्कता निदेशालय, केन्द्रीय आर्थिक सतर्कता ब्यूरो, कार्यान्वयन निदेशालय, नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो, उड्डयन अनुसंधान केन्द्र, विशेष सीमा बल, सीमा सुरक्षा बल, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, असम राइफल्स, विशेष सेवा ब्यूरो, विशेष शाखा (सीआईडी), अंडमाम एवं निकोबार अपराध शाखा- सीआईडी- सीबी, दादरा और नगर हवेली तथा विशेष शाखा, लक्षद्वीप पुलिस। राज्य सरकारों द्वारा अधिसूचना के माध्यम से विनिर्दिष्ट एजेंसियों को भी छोड़ दिया गया है।
इस अधिनियम से इन संगठनों को छूट दे दिये जाने के बावज़ूद इन संगठनों को घूस और मानवाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित आरोपों से के बारे में सूचना प्रदान करने की बाध्यता होगी। इसके अतिरिक्त, मानव अधिकार के उल्लंघन के आरोप से संबंधित सूचना केन्द्र या राज्य सूचना आयोग के अनुमोदन के बाद दिया जा सकता है।
जय हिंद।हमारे द्वारा कुछ वेबसाइटें हैं जो शायद आपके मतलब की हो सकती है जैसे क्राइम फ्री इण्डिया फोर्स से जुड़ने के लिये वेबसाइड है।
www.crimefreeindiaforce.com और पत्रकार बनने के लिये AMB Live न्यूज एजेंसी से जुड़ने के लिये वेबसाइट है। www.amblive.com और पत्रकारों के लिये www.rastriyapatrkarparishad.com और जिनको स्वरोजगार की जरूरत है उनके लिये www.espkindia.in और जिनको जीवन साथी की है तलाश यानि वर वधू ढूढ़ने के लिये www.rishtonkaghar.in और जो अकेले हैं यानि भारत की फेसबुक की तरह www.chatsetdate.com और अपने व्यवसाय की फ्री वेबसाइट के लिये www.landyn.in और मेरे ब्लॉग पर ज्यादा जानकारी के लिये लॉगिन करें www.shivrajswaraj.blogspot.in और सुबह 10 से शाम 5 बजे तक सिर्फ फोन करके ही बात करें।फोन नम्बर और व्हाट्सअप 0800-6681155
Comments
Post a Comment