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Showing posts from June, 2018
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हर हिंदू गर्व से शेयर करें - "घर में जनेऊ पहनूं और उसे उतारकर.. फिर जालीदार टोपी पहन लूं और घुटने टेकूं। मैं ऐसा नहीं कर सकता....मैं पाखण्ड को नहीं मानता!"
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17 जून वीर क्रांतिकारी वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई जी के जन्मदिवस पर शत शत नमन.. (जन्म- 19 नवंबर, 1835; मृत्यु- 17 जून, 1858) मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी और 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की वीरांगना थीं। बलिदानों की धरती भारत में ऐसे-ऐसे वीरों ने जन्म लिया है, जिन्होंने अपने रक्त से देश प्रेम की अमिट गाथाएं लिखीं। यहाँ की ललनाएं भी इस कार्य में कभी किसी से पीछे नहीं रहीं, उन्हीं में से एक का नाम है- झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई। उन्होंने न केवल भारत की बल्कि विश्व की महिलाओं को गौरवान्वित किया। उनका जीवन स्वयं में वीरोचित गुणों से भरपूर, अमर देशभक्ति और बलिदान की एक अनुपम गाथा है। रानी लक्ष्मीबाई मराठा शासित झांसी की रानी और भारत की स्वतंत्रता संग्राम की प्रथम वनिता थीं। भारत को दासता से मुक्त करने के लिए सन् 1857 में बहुत बड़ा प्रयास हुआ। यह प्रयास इतिहास में भारत का प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम या सिपाही स्वतंत्रता संग्राम कहलाता है। अंग्रेज़ों के विरुद्ध रणयज्ञ में अपने प्राणों की आहुति देने वाले योद्धाओं में वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई का नाम सर्वोपरी माना जाता है। 1857

शिया वक्फ संपत्तियों से कट्टरपंथी सुन्नी मुस्लिम किरायेदार होंगे बेदखल : वसीम रिजवी

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शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सैय्यद वसीम रिज़वी ने एलान किया है कि शिया वक्फ संपत्तियों पर रह रहे सुन्नी किरायेदारों को नोटिस भेजा जाएगा. शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने इस सम्बन्ध में एक नोटिस जारी करते हुए लिखा है कि सुन्नी समाज के कट्टरपंथी विचारधारा के लोगों और बिना किसी कारण जेहाद पर आस्था रखने वाले किरायेदारों को शिया संपत्तियों से तत्काल बेदखल किया जाए. शिया वक़्फ़ बोर्ड ने इस बाबत मुतवल्लियों को पत्र लिख कर निर्देशित किया कि देशहित और संविधान को न मानने वाले किरायेदारों को नोटिस भेजा जाए. वर्तमान में लगभग 50 हज़ार सुन्नी समुदाय के लोग शिया वक़्फ़ संपत्तियों पर किराएदार के तौर पर काबिज हैं. शिया सेन्ट्रल बोर्ड के अध्यक्ष के मुताबिक़ जिन सुन्नी मुसलमानों की भारत के संविधान और हिन्दुस्तान में आस्था नहीं है उन्हें शिया वक्फ की संपत्तियों का इस्तेमाल करने का कोई हक नहीं है. शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड ने नोटिस में लिखा है कि ऐसे सुन्नी मुसलमान जो शिया मुसलमानों की आस्था का सम्मान नहीं करते, हिन्दुस्तान में बिना मतलब जेहाद का समर्थन करते हैं, जिनकी गतिविधियों के कारण देश मे
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आवश्यकता है "श्रीराम जीवन बीमा कम्पनी लिमिटेड"जिला बुलन्दशहर को "सेल्स ऑफिसरों"की सैलरी 6से 22 हजार रुपये महीने और 6 महीने में प्रमोशन और LIC व अन्य किसी भी कम्पनी के एजेंटों को वरियता।सम्पर्क करें श्री बच्चन चौधरी सेल्स मैनेजर दिनांक 11 व 12 जून 2018 समय 10 से 3 बजे तक।पता:-580A 1st Floor Raja Babu Road Near Union Bank Of India Bulandshahr फोन नम्बर"-7500807649 www.shriramlife.in
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1. बताने के लिए क्या नहीं है ? निम्नलिखित सूचनाओं को आम जनता को उपलब्ध कराने की मनाही है 1. ऐसी सूचना प्रदर्शन जिससे भारत की स्वतंत्रता और अखण्डता, राज्य की सुरक्षा, कार्य योज़ना, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों, विदेशों से संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ते हों या अपराध के लिए उत्तेजित करता हों। 2. सूचना जिसे किसी भी न्यायालय या खण्डपीठ द्वारा प्रकाशित किए जाने से रोका गया है या जिसके प्रदर्शन से न्यायालय का उल्लंघन हो सकता है। 3. सूचना, जिसके प्रदर्शन से संसद या राज्य विधानसभा के विशेषाधिकार प्रभावित होती हों 4. वाणिज़्यिक गोपनीयता, व्यापार गोपनीयता या बौद्धिक संपदा से संबंधित सूचना, जिसके प्रकाशन से तीसरी पक्ष की प्रतिस्पर्द्धात्मक स्तर को क्षति पहुँचने की संभावना हों, जब तक कि सक्षम प्राधिकरी इस बात से संतुष्ट नहीं हो जाता कि ऐसी सूचना का प्रकाशन जनहित में है 5. व्यक्ति को उनके न्यासी संबंध में उपलब्ध जानकारी, जब तक कि सक्षम प्राधिकरी संतुष्ट नहीं हो जाते कि ऐसी सूचना का प्रदर्शन जनहित में हैं 6. ऐसी सूचना जो विदेशी सरकार से विश्वास में प्राप्त की गई हो 7. सूचना, जिसके प्र
"नीलाम ए दो दीनार"....हिन्दू  महिलाओ का कङवा दुखद इतिहास जबरदस्ती की धर्मनिरपेक्षता और भाईचारे को ढोते अक्लमंद हिंदुओं अपना इतिहास तो पढो,, समयकाल,  ईसा के बाद की ग्यारहवीं सदी, भारत देश की अपनी पश्चिमोत्तर सीमा पर अभी-अभी राजा जयपाल की पराजय हुई थी,,  इस पराजय के पश्चात अफगानिस्तान के एक शहर "गजनी" का एक बाज़ार ऊंचे से एक चबूतरे पर खड़ी कम उम्र की सैंकड़ों हिन्दु स्त्रियों की भीड, जिनके सामने हज़ारों वहशी से दीखते बदसूरत किस्म के लोगों की भीड़ लगी हुई थी, जिनमें अधिकतर अधेड़ या उम्र के उससे अगले दौर में थे,, कम उम्र की उन स्त्रियों की स्थिति देखने से ही अत्यंत दयनीय प्रतीत हो रही थी, उनमें अधिकाँश के गालों पर आंसुओं की सूखी लकीरें खिंची हुई थी मानो आसुओं को स्याही बना कर हाल ही में उनके द्वारा झेले गए भीषण यातनाओ के दौर की दास्तान को प्रारब्ध ने उनके कोमल गालों पर लिखने का प्रयास किया हो,, एक बात जो उन सब में समान थी, किसी के भी शरीर पर वस्त्र का एक छोटा सा टुकड़ा नाममात्र को भी नहीं था, सभी सम्पूर्ण निर्वसना थी सभी के पैरों में छाले थे मानो सैंकड़ों मील की

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1. बताने के लिए क्या नहीं है ? निम्नलिखित सूचनाओं को आम जनता को उपलब्ध कराने की मनाही है 1. ऐसी सूचना प्रदर्शन जिससे भारत की स्वतंत्रता और अखण्डता, राज्य की सुरक्षा, कार्य योज़ना, वैज्ञानिक या आर्थिक हितों, विदेशों से संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ते हों या अपराध के लिए उत्तेजित करता हों। 2. सूचना जिसे किसी भी न्यायालय या खण्डपीठ द्वारा प्रकाशित किए जाने से रोका गया है या जिसके प्रदर्शन से न्यायालय का उल्लंघन हो सकता है। 3. सूचना, जिसके प्रदर्शन से संसद या राज्य विधानसभा के विशेषाधिकार प्रभावित होती हों 4. वाणिज़्यिक गोपनीयता, व्यापार गोपनीयता या बौद्धिक संपदा से संबंधित सूचना, जिसके प्रकाशन से तीसरी पक्ष की प्रतिस्पर्द्धात्मक स्तर को क्षति पहुँचने की संभावना हों, जब तक कि सक्षम प्राधिकरी इस बात से संतुष्ट नहीं हो जाता कि ऐसी सूचना का प्रकाशन जनहित में है 5. व्यक्ति को उनके न्यासी संबंध में उपलब्ध जानकारी, जब तक कि सक्षम प्राधिकरी संतुष्ट नहीं हो जाते कि ऐसी सूचना का प्रदर्शन जनहित में हैं 6. ऐसी सूचना जो विदेशी सरकार से विश्वास में प्राप्त की गई हो 7. सूचना, जिसके प्र